BEMS कोर्स का फुल फॉर्म BACHELOR OF ELECTRO HOMEOPATHY MEDICINE AND SURGERY हैं, यह 4.5 साल का कोर्स है, जिसके अंदर विद्यार्थियों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रिंसिपल का उपयोग करके कैसे बीमारी को ठीक करते हैं वह सिखाया जाता है। यह अल्टरनेटिव मेडिकल सिस्टम शरीर के भीतर संतुलन और सामंजस्य को रिस्टोर करने पर ध्यान केंद्रित करती है, प्राकृतिक उपचार और व्यक्तिगत उपचार दृष्टिकोण पर जोर देती है।
पहले दो सेमेस्टर फाउंडेशन पर ध्यान देते हैं। इसके अंदर विद्यार्थियों को हुमन एनाटॉमी और फिजियोलॉजी की अंडरस्टैंडिंग दी जाएगी और बायोकेमेस्ट्री और पैथोलॉजी जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। इसके साथ डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट की स्ट्रांग फाऊंडेशन दी जाएगी। इन विषय के साथ-साथ विद्यार्थियों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी की हिस्ट्री, फिलासफी और फंडामेंटल प्रिंसिपल्स के बारे में नॉलेज दी जाएगी।
BEMS कोर्स में जैसे-जैसे प्रोग्रेस करेंगे वैसे-वैसे विद्यार्थियों को इलेक्ट्रो होम्योपैथिक थेरैप्यूटिक्स की अंडरस्टैंडिंग दी जाएगी।MATERIA MEDICA art को मास्टर करेंगे और इलेक्ट्रो होम्योपैथिक रेमेडीज का उपयोग कैसे करना है और उसकी प्रॉपर्टी क्या है, उसकी लर्निंग दी जाएगी। क्लिनिकल प्रैक्टिस के अंदर विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस दिया जाएगा।
BEMS कोर्स के फाइनल सेमेस्टर बॉडी के स्पेशलाइज्ड सिस्टम और एडवांस्ड थे क्लिनिकल प्रैक्टिस पर फोकस करता है और dermatology, pediatrics, gynecology के बारे में गहरी नॉलेज दी जाएगी। अस्पताल के अंदर क्लीनिकल रोटेशन विद्यार्थियों को रियल वर्ल्ड एक्सपीरियंस करवाएंगे। कोर्स पूरा करने के बाद आप एक क्वालिफाइड BEMS DOCTOR बन जाएंगे।आप यदि अल्टरनेटिव मेडिसिन के लिए पैशनेट है तो, BEMS सबसे अच्छा कोर्स है।
BEMS COURSE ELIGIBILITY IN HINDI
BEMS कोर्स को करने के लिए विद्यार्थियों को साइंस के अंदर 12वीं कक्षा को पास करना होगा, जिसके अंदर विद्यार्थियों के कम से कम 55% होने चाहिए।
12वीं के अंदर विद्यार्थियों के विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी होने चाहिए। कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटी के अंदर एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थियों को एंट्रेंस परीक्षा को क्वालीफाई करना होगा।
BEMS COURSE DURATION IN HINDI | BEMS KITNE SAAL KA HAI
BEMS 4.5 साल का कोर्स होता है, जिसके अंदर 9 सेमेस्टर शामिल होते हैं और हर एक सेमेस्टर 6 महीने जितना होता है।
पहले 1-2 सेमेस्टर के अंदर फाऊंडेशनल सब्जेक्ट के बारे में पढ़ाया जाएगा और इलेक्ट्रो होम्योपैथी से इंट्रोड्यूस करवाया जाएगा। 3-4 सेमेस्टर के अंदर इलेक्ट्रो होम्योपैथिक के मुख्य सब्जेक्ट पढ़ाए जाएंगे और यहां से क्लिनिकल प्रैक्टिस शुरू होगी।
5-6 सेमेस्टर के बीच बॉडी के स्पेसिफिक सिस्टम और इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मैनेजमेंट के बारे में पढाया जाएगा और एडवांस्ड क्लिनिकल प्रैक्टिस दी जाएगी। 7-8 सेमेस्टर के अंदर स्पेशलाइज्ड सब्जेक्ट पर फोकस किया जाएगा और क्लीनिकल रोटेशन शुरू होगी।
9 सेमेस्टर के अंदर इंटर्नशिप शामिल होगी और फाइनल एग्जामिनेशन होगी।
BEMS COURSE JOBS LIST IN HINDI
BEMS कोर्स करने के बाद कौन-कौन सी नौकरी कर सकते हैं, उसकी लिस्ट नीचे दी गई है।
- ELECTRO HOMEOPATHIC DOCTOR
- ASSOCIATE DOCTOR
- MEDICAL OFFICER
- CONSULTANT ELECTRO HOMEOPATHIC PHYSICIAN
- RESEARCH SCIENTIST
- LECTURER/PROFESSOR
- HEALTHCARE ADMINISTRATOR
- YOGA THERAPIST
- WELLNESS CONSULTANT
इनके अलावा भी बहुत सारी नौकरियां उपलब्ध है जिन्हें आप यह कोर्स करने के बाद कर सकते हैं।
BEMS COURSE JOBS SALARY IN HINDI
BEMS कोर्स करने के बाद नौकरी की जो शुरुआती सैलरी होती है वह ₹15000 से ₹30000 के बीच होती है महीने की।
BEMS कोर्स करने के बाद जो एक्सपीरियंस्ड डॉक्टर होते हैं उनकी सैलरी ₹30000 से ₹75000 के बीच होती है महीने की।
जो सीनियर डॉक्टर और स्पेशलिस्ट होते हैं उनकी एवरेज सैलेरी ₹75000 से ₹150000 रुपए के बीच होती है महीने की।
BEMS COURSE KE BAAD KYA KARE
BEMS कोर्स करने के बाद अपना खुद का क्लीनिक खोल सकते हैं, किसी भी क्लीनिक के अंदर ज्वाइन हो सकते हैं और गवर्नमेंट हॉस्पिटल और क्लीनिक के अंदर काम कर सकते हैं।
BEMS कोर्स करने के बाद आप रिसर्च, टीचिंग, फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री और हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन जैसे फील्ड के अंदर अपना कैरियर बना सकते हैं।
BEMS कोर्स करने के बाद आगे MD (ELECTRO HOMEOPATHY) कोर्स कर सकते हैं और छोटे डिप्लोमा कोर्स और ऑनलाइन कोर्स भी कर सकते हैं।
.jpg)

0 Comments